कथा अलंकरण समारोह-2018
जाने-माने उपन्यासकार और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति विभूति नारायण राय, समारोह के अध्यक्ष राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली के चेयरमैन व प्रख्यात साहित्यकार प्रोफेसर अर्जुन देव चारण, विशिष्ट अतिथि समकालीन हिन्दी के महत्त्वपूर्ण कथाकार-उपन्यासकार डॉ. हरिसुमन बिष्ट, विशिष्ट अतिथि ‘कथादेश’ साहित्यिक पत्रिका के संपादक हरिनारायण, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ व्यंग्यकार-कवि फ़ारूक आफरीदी, कथा संस्थान के संस्थापक सचिव कवि-कहानीकार मीठेश निर्मोही द्वारा सुप्रतिष्ठ लेखक एवं अनुवादक डॉ. नीरज दइया (बीकानेर) को नंदकिशार आचार्य की हिन्दी से राजस्थानी में अनूदित काव्य-कृति “ऊंडै अंधारै कठैई” के लिए “डॉ. नारायणसिंह भाटी अनुवाद सम्मान” से अलंकृत किया गया।
जोधपुर 02 सितम्बर, 2018
कथा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थान जोधपुर की ओर से राज्य स्तरीय कथा अलंकरण की शृंखला में इस वर्ष लेखक एवं अनुवादक डॉ. नीरज दइया (बीकानेर) यानी मुझे को नंदकिशोर आचार्य की हिंदी से राजस्थानी में अनूदित काव्य कृति ‘ऊंडै अंधारै कठैई’ पर ‘डॉ. नारायणसिंह भाटी अनुवाद सम्मान’ घोषित हुआ है। संस्था के सचिव कवि-कहानीकार मीठेश निर्मोही के अनुसार अनुवाद-सम्मान के निर्णायक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अर्जुनदेव चारण (जोधपुर), कुंदन माली (उदयपुर) और डॉ. मदन सैनी (बीकानेर) रहे हैं।
कथा संस्थान परिवार और निर्णायकों का बहुत-बहुत आभार।