पाछो कुण आसी/नीरज दइया/ सर्जना प्रकाशन, बीकानेर/2015/96 पेज/140 रिपिया।
पोथी बाबत-
हरीश बी. शर्मा : समै री निसरनी पर सबदां री ताण चढ़तौ सबदधर्मी
दुलाराम सहारण : जूंण दांई फगत दोय ओळी री है
देवकिशन राजपुरोहित : कविताओं के अलग-अलग बिंब
मदन गोपाल लढ़ा : कविता की बदलती तासीर
[…] पाछो कुण आसी (कविता संग्रह) सर्जना, […]
[…] संग्रह : साख (1997), देसूंटो (2000), पाछो कुण आसी (2015) आलोचना पुस्तकें : आलोचना रै आंगणै(2011) , […]